संज्ञा

HINDI VYAKARAN, सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण, HINDI GRAMMER ,HINDI GRAMMER MCQ

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     संज्ञा की परिभाषा

    संज्ञा शब्द का मतलब है-‘नाम’ अर्थात्‌  किसी  चीज के  नाम  को संज्ञा कहा जाता है। 

    परिभाषा:

    किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, गुण, भाव आदि के नाम को व्यक्त करने  वाले शब्द  को संज्ञा कहा जाता है। 

    उदाहरण:    राम,  मनुष्य, गाय, वस्त्र, पर्वत, गंगा, मधुरता, क्रोध आदि। 

    संज्ञा के भेद – 



    संज्ञा  मुख्यतः तीन प्रकार की होते है 

    • व्यक्तिवाचक

    • जातिवाचक

    • भाववाचक 

    परंतु  कुछ  विद्वानों  का  मानना  हैं कि  संज्ञा पांच प्रकार की होते है Iसंज्ञा के दो  अन्य  भेद: 

    • द्रव्य-वाचक

    • समूह-वाचक

    व्यक्तिवाचक संज्ञा – 

    जिस संज्ञा से किसी खास (एक)व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। यथा–  सीता, राम, ब्रजेश, गांडीव, हिमालय, मथुरा , काशी आदि। 

    व्यक्तिवाचक संज्ञा  के  उदाहरण 

    (1) व्यक्तियों के नाम – तुलसीदास, महेश, राम आदि ।

    (2) नदियों के नाम – गंगा, गंडक, यमुना आदि ।

    (3) झीलों के नाम – डल, बैकाल आदि।

    (4) समुद्रों के नाम – प्रशान्त महासागर, हिन्द महासागर आदि ।

    (5) पहाड़ों के नाम – आल्प्स, विन्ध्य, हिमालय आदि ।

    (6) गाँवों के नाम – पैनाल, मनिअप्पा, बिस्पी आदि ।

    (7) नगरों के नाम  – जमशेदपुर, पटना, राँची आदि।

    (8) सड़कों, दुकानों, प्रकाशनों आदि के नाम – अशोक राजपथ , परिधान भारती बुक डिपो आदि ।

    (9) महादेशों के नाम – एशिया, यूरोप. आदि।

    (10) देशों के नाम – चीन, भारतवर्ष, रूस आदि ।

    (11) राज्यों के नाम – उड़ीसा, बिहार, महाराष्ट्र आदि।

    (12) पुस्तकों के नाम – रामचरितमानस, सूरसागर आदि । 

    जातिवाचक संज्ञा – 

    किसी प्राणी, वस्तु या स्थान की पूरी जाति का बोध कराने वाले  शब्द  को, जातिवाचक संज्ञा  कहा जाता है। यथा-बालक, पक्षी, नदी भवन, वन ,मनुष्य, जानवर आदि। 

    जातिवाचक संज्ञा के  उदाहरण 

    (1) पशुओं, पक्षियों एवं कीट-पतंगों के नाम – गाय, बकरी, घोड़ा,  खटमल,  चील,मैना आदि।

    (2) फलों, सब्जियों तथा फूलों के नाम –   लौकी, खीरी, आम, केला, परवल, पालक, जूही आदि।

    (3) पहनने, ओढ़ने, बिछाने आदि के सामान – धोती,  कुर्ता, जूता, तकिया, तोशक, धोती, साड़ी आदि।

    (4) अन्न, मसाले, मिठाई आदि पदार्थों के नाम –  चना,  गेहूँ, चावल, जलेबी, तेजपात, रसगुल्ला आदि।

    भाववाचक संज्ञा – 

    किसी गुण, देशा, व्यापार तथा भाव का बोध कराने वाली संज्ञा भाववाचक कही जाती है। यथा–शीत, गर्मी, उन्नति, पढ़ाई प्रेम आदि। 

    भाववाचक संज्ञा के  उदाहरण 

    (1) गुण – कुशाग्रता, चतुराई, सौन्दर्य,  आदि ।

    (2) भाव – कृपणता, पित्रता, शत्रुता आदि ।

    (ग) अवस्था – जवानी, बचपन, बुढ़ापा आदि ।

    (3) माप – ऊँचाई, चौड़ाई, लम्बाई आदि।

    (4) क्रिया – दौड़धूप, पढ़ाई, लिखाई आदि ।

    (5) गति – फुर्ती, शीघ्रता, सुस्ती आदि ।

    (6) स्वाद – कड़वापन, कसैलापन, तितास, मिठास आदि ।

    (7) भावनाएँ – करुणा, क्षोभ, दया आदि।

    द्रव्यवाचक संज्ञा : 



    जिस संज्ञा शब्दों से किसी धातु , द्रव्य , सामग्री , पदार्थ आदि का बोध हो , उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। जैसे –

    गेहूं,चावल,घी,सोना,चांदी,तांबा,ऊन आदि I

    • गेहूं – भोजन की सामाग्री है। 

    • चावल – भोजन की सामाग्री है। 

    • घी – भोजन की सामाग्री है। 

    • सोना – आभूषण के लिए एक द्रव्य या पदार्थ है। 

    • चांदी – आभूषण के लिए एक पदार्थ है। 

    • तांबा – एक धातु है। 

    • ऊन – ऊन वस्त्र बनाने की एक सामाग्री है।

    समूह वाचक संज्ञा : 

    जिन संज्ञा शब्दों से किसी एक व्यक्ति का बोध न होकर पुरे समूह या समाज का बोध हो ,वह समूह वाचक  या  समुदायवाचक संज्ञा कहा  जाता है। जैसे – 

    • सेना – सेना में कई सैनिक होते है। यहाँ समूह की बात हो रही है। 

    • पुलिस – पुलिस हर स्थान , राज्य , देश में होते है। उसी बड़े रूप को इंगित किया जा रहा है। 

    • पुस्तकालय – पुस्तकालय में अनेक पुस्तक होते है। यहाँ किसी एक पुस्तक की बात नहीं हो रही है। 

    • दल – अनेक व्यक्तिों से मिलकर एक दल , या समूह का निर्माण होता है। 

    • समिति – अनेक व्यक्तिों से मिलकर एक समिति , या समूह का निर्माण होता है। 

    • आयोग – आयोग का गठन किसी खास उद्देश्य के लिए किया जाता है , इसमें अनेक सदस्य होते है। 

    • परिवार – एक परिवार में अनेक सदस्य हो सकते है यहाँ तक की कुछ पीढ़ी भी।


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