HINDI VYAKARAN, सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण, HINDI GRAMMER ,HINDI GRAMMER MCQ

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    लिंग की परिभाषा

    संज्ञा शब्दों के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति होने का पता चलता है, उसे लिंग कहते है।

    उदहारण

    उदाहरण के लिए : पुरुष जाति में = मोहन , लड़का , शेर , घोडा , दरवाजा, पंखा, कुत्ता , पिता , भाई आदि। और स्त्री जाति में = मोहिनी , लडकी , शेरनी , घोडी , कैची, अलमारी , कुतिया , माता , बहन आदी

    लिंग संज्ञा का गुण है,अत: हर संज्ञा शब्द या तो पुल्लिंग होगा या स्त्री लिंग।

    लिंग के द्वारा संज्ञा, सर्वनाम,विशेषण आदि शब्दों की जाति का बोध होता है ।

    लिंग के भेद

    लिंग के मुख्यतः तीन भेद होते हैं :

    1.    पुल्लिंग (पुरुष जाति)

    2.    स्त्रीलिंग (स्त्री जाति)

    3.    नपुंसकलिंग (जड़)

    पुल्लिंग:

    वे संज्ञा शब्द जो हमें पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे शब्द पुल्लिंग शब्द कहलाते हैं।



    जैसे :

    सजीव : घोडा, कुत्ता, गधा, आदमी, लड़का, आदि।

    निर्जीव : गमला, दुःख, मकान, नाटक, लोहा, फूल आदि।

    स्त्रीलिंग:

    ऐसे संज्ञा शब्द जो हमें स्त्री जाति का बोध कराते हैं, वे शब्द स्त्रीलिंग शब्द कहलाते हैं।

    जैसे:

    सजीव : लड़की, बकरी, माता, बंदरिया, गाय, मुर्गी, लोमड़ी, बहन, लक्ष्मी, नारी, शेरनी, घोड़ी आदि।

    निर्जीव : सूई, कुर्सी, मेज, शाखा, यमुना, झोंपड़ी, तलवार, ढाल, रोटी, टोपी, दारु, बालू, रात, आदि।

    लिंग-निर्णय

    जीवधारी अथवा प्राणीवाचक संज्ञा का लिंग-निर्णय कठिन नहीं है,
    किंतु अप्राणीवाचक संज्ञा के लिंग-निर्णय में कठिनाई होती है,
    क्योंकि हिंदी में निर्जीव वस्तुओं को भी स्त्री और पुरुष, दो विभिन्न जातियों अथवा लिंगों में बांटा गया है।

    पुल्लिंग शब्दों का लिंग निर्णय –



    अकारान्त तत्सम शब्द पुल्लिंग होते हैं। जैसे

    धन, वन, जल, शरीर, लोभ, कारण, दर्शन, पुष्प, पत्र, चित्र, पालन, कर्म, कार्य, प्रचार,
    मुख, सुख, उत्तर, प्रश्न, मस्तक, नृत्य, मेघ, अंचल, अंश,
    अकाल, कलश, गृह, चंदन, परिवर्तन, पर्वत, उपवन, वचन, रूप, नगर, सागर, स्वर्ग, दोष, नियम,
    विभाग, विरोध, विवाद, शासन, प्रवेश, अनुमान, निमंत्रण, त्रिभुज, नाटक, स्वास्थ्य,
    न्याय, समाज, विवाह, धर्म, सन्देश, प्रस्ताव, छात्रावास, प्रभाव, लोक इत्यादि।

    हिंदी के आकारांत शब्द पुल्लिंग होते है। जैसे

    लड़का, भाड़ा, नाला, ढकना, पटाखा, धमाका, बुढ़ापा, बुलावा, दिखावा, पहनावा, चिमटा, छाता, हथौड़ा,
    जुर्माना, पहिया, चमड़ा, पैसा, कपड़ा, काढ़ा, रायता, सिरका, तांबा, लोहा, सोना,
    शीशा, कांसा, राँगा, पराठा, हलुआ, मसाला, परदा, गुस्सा, रास्ता, चश्मा, किस्सा इत्यादि।

    पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे

    हिमालय, विंध्याचल, पश्चिमी घाट, शिवालिक, सतपुड़ा, आल्प्स आदि।

    समय तथा उसके विभागों के नाम अधिकांश पुल्लिंग होते हैं। जैसे

    घंटा, मिनट, सेकंड, पहर, दिन, दिनांक, समय, काल, वक्त, क्षण, पल, लम्हा, सप्ताह, पक्ष, पखवाड़ा, महीना, वर्ष, युग आदि।

    अनाजों के नाम पुल्लिंग होते है। जैसे-

    गेहूँ, बाजरा, चना, जौ आदि। (अपवाद- मक्की, ज्वार, अरहर, मूँग-स्त्रीलिंग)

    रत्नों के नाम पुल्लिंग होते है। जैसे-

    नीलम, पुखराज, मूँगा, माणिक्य, पन्ना, मोती, हीरा आदि।

    फूलों के नाम पुल्लिंग होते है। जैसे-

    गेंदा, मोतिया, कमल, गुलाब आदि।

    द्रव पदार्थो के नाम पुल्लिंग होते है। जैसे-

    शरबत, दही, दूध, पानी, तेल, कोयला, पेट्रोल, घी आदि।

    (अपवाद- चाय, कॉफी, लस्सी, चटनी- स्त्रीलिंग)

    शरीर के अंग पुल्लिंग होते है। जैसे-

    हाथ, पैर, गला, अँगूठा, कान, सिर, मस्तक, मुँह, घुटना, ह्रदय, दाँत आदि।

    (अपवाद- जीभ, आँख, नाक, उँगलियाँ-स्त्रीलिंग)

    हिन्दी मास, वार आदि के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे

    चैत्र, वैशाख, आषाढ़, कार्तिक, माघ, रविवार, सोमवार, मंगलवार आदि।

    धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे

    सोना, पीतल, लोहा, ताम्बा, कांसा, सीसा, अल्मुनियम, यूरेनियम, पारा आदि।

    समूहवाचक संज्ञा पुल्लिंग होते हैं।

    जैसे मण्डल, समाज, दल, समूह, वर्ग आदि।

    जैसे भारी और बेडौल वस्तुअों पुल्लिंग होते हैं।

    जैसे जूता, रस्सा, लोटा ,पहाड़ आदि।

    देशों के नाम पुल्लिंग होते हैं।

    जैसे भारत, चीन, इरान, अमेरिका आदि।

    नक्षत्रों, व ग्रहों के नाम पुल्लिंग होते हैं।

    सूर्य, चन्द्र, राहू, शनि, आकाश, बृहस्पति, बुध आदि। (अपवाद- पृथ्वी-स्त्रीलिंग)

    वृक्षों, फलो के नाम पुल्लिंग होते हैं।

    जैसे अमरुद, केला, शीशम, पीपल, देवदार, चिनार, बरगद, अशोक, पलाश, आम आदि।

    मनुष्य तथा पशु-पक्षियों, सरीसृप में नर जाति पुल्लिंग होगी। जैसे

    पुरुष, नर, नर्तक, लड़का आदि। उड़ने वाले जीव जैसे मच्छर, भौंरा, पतंगा आदि भी नर जाति के आधार पर पुल्लिंग होंगे।

    स्त्रीलिंग शब्द के लिंग निर्णय –

    आकारांत, इकारांत, ईकारांत और उकारांत तत्सम शब्द स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे

    आकारांत –

    दया, माया, कृपा, लज्जा, क्षमा, शोभा, सभा, प्रार्थना, रचना, घटना, अवस्था,

    नम्रता, सुंदरता, ईष्या, भाषा, अभिलाषा, आशा, निराशा, कला, इच्छा, आज्ञा, रक्षा, घोषणा, परीक्षा, योग्यता, सीमा, संस्था, सहायता, शिक्षा आदि।

    इकारांत –

     अनुमति, श्रुति, पूर्ति, जाति, समिति, नियुक्ति, रीति, शक्ति, हानि, स्थिति, परिस्थिति, शांति, संधि, छवि, रूचि आदि।

    ईकारांत –

     नदी, नारी, कुंडली, गोष्ठी।

    उकारांत – 

    मृत्यु, आयु, वस्तु, ऋतू, वायु।

    (ख.) ऐसी भाववाचक तद्भव संज्ञाएँ जिनका अंत ट, आवट, आहट आदि प्रत्ययों से होता है, स्त्रीलिंग होती हैं। 

    जैसे – खटपट, रुकावट, घबराहट, छटपाहट।

    (ग.) हिंदी में कुछ प्राणीवाचक शब्दों का प्रयोग केवल स्त्रीलिंग में होता है, उनका पुल्लिंग रूप नहीं बनता है।

    जैसे – सुहागिन, सती, सौत, सौतिन, धाय, नर्स, सवारी, संतान, पुलिस, सेना, फौज, सरकार आदि।